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मोनिसा के कथक से रू-ब-रू होने का मौका मिला.

Written By ''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडल on 12 जन॰ 2011 | 7:26:00 pm

स्पिक मैके उत्सव कार्यक्रम में मोनिसा नायक ने अपने तीन सदस्ययीय संगत कलाकार मंडली के सहयोग से बुधवार सुबह ग्यारह बजे गांधी नगर स्थित विद्या निकेतन माध्यमिक स्कूलमें यादगार प्रस्तुति दी. लगभग पांच सौ विद्यार्थियों को  युवा दिवस के अवसर पर विवेकानंद को याद करते हुए बिसमिल्लाह खान युवा सम्मान से नवाजी जा चुकी कलाकार मोनिसा के कथक से रू-ब-रू होने का मौका मिला.

गुरु वंदना,तत्कार आदि के साथ कृष्ण भक्तिपरक रचनाओं पर भाव की प्रस्तुति हुई ,जिसे सभी ने बहुत सराहा.आयोजन में प्राचार्य महेंद्र सिंह,रोडवेज प्रबंधक  रमेश तिवारी,स्पिक मैके समन्वयक जे.पी.भटनागर,विद्या निकेतन बालिका विद्यालय प्राचार्या चन्द्रकान्ता ,वरदीचंद जैन,प्रदीप काबरा ने कलाकारों का अभिनन्दन किया.
                
आदित्यपुरम स्थित दी आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल में प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना श्रीमती मोनिसा नायक ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। स्पिक मैके के तत्वाधान में सत्र 2011-2012 की शृखंला के इस कार्यक्रम का आयोजन आदित्य सीमेंट के उत्सव स्टाफ रिक्रिएशन सेंटर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानीया अतिथि श्रीमती सुचेता जोशी (अध्यक्षा, झंकार लेडिज क्लब) द्वारा आमंत्रित नृत्यांगना श्रीमती मोनिसा नायक को स्वागत स्वरूप पुष्प्-गुच्छ प्रदान करने से हुआ। साथी कलाकार श्री अरशद खान को श्रीमान बिश्वजीत धर वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीक) ने, श्री विजय परिहार को श्रीमती धर ने व श्री श्रीकांत को विद्यालय के प्राचार्य श्री जी. एस. माथुर ने स्वागत करते हुए पुष्प-गुच्छ प्रदान किए।

स्पिक मैके चित्तौड़ स्कंध के श्री जे. पी. भटनागर ने स्पिक मैके का शाब्दिक अर्थ बताते हुए कार्यक्रम प्रस्तुति के समय पालन किए जाने वाले निर्देशों से अवगत कराया।इसके पश्चात् कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बी. बी. जोशी, श्रीमती सुचेता जोशी, श्रीमती मोनिसा नायक, श्री जे. पी. भटनागर व श्री जी. एस. माथुर ने दीप प्रज्वलन किया।

श्रीमती मोनिसा नायक ने श्री विजय परिहार की सरस्वती वंदना के साथ नृत्य करते हुए प्रस्तुति का आरंभ किया। इसके पश्चात् श्री कृष्ण लीलाओं पर आधारित कत्थक नृत्य, तत्कार, उठान, हस्तक व चक्रों का कुशल-संयोजन, सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के चक्कर लगाने की गति को दर्शाते हुए आकाशचारी नृत्य, तबले के प्रश्नों का जवाब घुंघरुओं  से देकर जुगलबंदी, सोलह मात्रा की त्रिताल में सम से सम तक विभिन्न तिहाइयों का प्रदर्शन तथा राजस्थान के अतिथि सत्कार को सर्वोपरि बताते हुए प्रसिद्ध लोकगीत केसरिया बालम पधारो म्हारे देश......... पर कत्थक भाव-नृत्य प्रस्तुत किया। अपनी प्रस्तुति का समापन उन्होंने तराना के माध्यम से सरस्वती माँ का आभार प्रकट करते हुए नमन कर किया।

स्नातन नृत्य पुरस्कार विजेता, गुरु पूर्णिमा महोत्सव में संगीत कला रत्न उपाधि प्राप्त श्रीमती मोनिसा नायक ने केवल नृत्य से बच्चों को प्रेरित नहीं किया बल्कि अनेक शिक्षाप्रद बातें बताकर उनके ज्ञान में वृद्धि भी की। उन्होंने कत्थक शब्द की उत्पत्ति के बारे में बताते हुए कहा कि तीन हजार वर्ष पूर्व विभिन्न देवताओं की कहानियों का वर्णन करते हुए नृत्य किया जाता था। नृत्य के माध्यम से कथा कहने से अर्थात ‘कथा-कहे’ से कत्थक की उत्पत्ति हुई। इसके पश्चात कत्थक दरबारों में होने लगे तथा शास्त्रों में स्थान मिलने से यह शास्त्रीय नृत्य कहलाए। उन्होंने  विद्यार्थियों को सोलह मात्राओं की जानकारी देते हुए बताया कि इनकी आवृत्ति होती है और प्रथम स्थान सम कहलाता है। उनके अनुसार स्पिक मैके के माध्यम से वह संस्कृति के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास कर रही है। श्रीमती नायक ने कबीर दास पर नृत्य संचालन (कोरियोग्राफी) व कोटा में कत्थक की कार्यशाला आयोजित की है।

विद्यालय प्रबंधन की ओर से मुख्य अतिथि श्री बी. बी. जोशी ने गायक व हारमोनियम पर साथ दे रहे श्री विजय परिहार को, तबले पर संगत कर रहे श्री अरशद खान को व श्री श्रीकांत को तथा सम्मानीया अतिथि श्रीमती जोशी ने मोनिसा नायक को शाल प्रदान कर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि श्री जोशी ने स्पिक मैके, श्रीमती मोनिसा नायक व सह-कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इनके प्रयास से आने वाली पीढ़ी प्रेरणा लेगी। श्रीमती नायक ने कत्थक के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से व्याख्या करते हुए बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी। विद्यालय-प्रबंध से उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी कराते रहने की अपेक्षा प्रकट की। 

विद्यालय के प्राचार्य श्री जी. एस. माथुर ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए दिए गए अपने धन्यवाद भाषण में स्पिक मैके द्वारा देहली पब्लिक स्कूल पटना में आयोजित स्पिक मैके नैशनल स्कूल इन्टेंसिव 2010 में श्रीमती संतोष कँवर के नेतृत्व में गए विद्यार्थियों के ओडिसी नृत्य, कत्थक नृत्य, सिक्की क्राफ्ट, मधुबनी चित्रकला आदि क्षेत्र में अर्जित ज्ञान का उल्लेख किया किया।कार्यक्रम का संचालन पूर्णिमा सिंह व विदुषी शर्मा ने व संयोजन सुश्री आइलीन प्रिया ने किया।
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Our Founder Dr. Kiran Seth

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