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आर्थिक संकट में एक अपील

Written By Unknown on 30 मई 2018 | 3:34:00 pm

आर्थिक संकट में एक अपील
29 मई, 2018
(स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ को आर्थिक मदद करिएगा)


नमस्कार,
स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ की तरफ से यह छोटी सी अपील आपको इसलिए भेज रहे हैं क्योंकि हमें लगा कि आप इस आन्दोलन की गतिविधियों और इसके मिजाज़ से भलीभांति वाकिफ हैं। वैसे यह मुहीम बीते बयालीस सालों से चली आ रही है मगर हमारे जिले में यह छात्र आन्दोलन सन तिरानवे से निर्बाध चला आ रहा है। हमने भारतभर से जिले में सैंकड़ों कलाकारों को आमंत्रित करके यहाँ के विद्यार्थियों और रसिकों को हमारी विरासत से परिचित करवाने के लगभग एक हज़ार आयोजन किए होंगे ऐसा हमारा अनुमान है। इस सम्पूर्ण यात्रा में कई साथियों और शैक्षणिक संस्थाओं का दिली योगदान है इसमें किसी को शक नहीं है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इस आन्दोलन के बैनर तले हुए विभिन्न कन्वेंशन/सम्मेलनों में अलग-अलग समय में जिले के लगभग तीन सौ साथी हिस्सेदारी कर चुके होंगे। यह शहर का संभवतया अकेला ऐसा सांस्कृतिक मोर्चा है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति पर आन्दोलननुमा काम कर रहा है। यह आत्मिक संतोष देने वाला एक मंच है जो अमूमन रूप से गैर-राजनीतिक ढंग से संचालित रहा है।

गौरतलब है कि हम स्पिक मैके कार्यक्रम करते समय सामान्यतया आयोजक स्कूल या कॉलेज से दस हज़ार रुपए तक का सहयोग मांगते हैं और उसे स्थानीय समस्त खर्चों यथा साउंड सिस्टम,भोजन,आवास, यात्रा आदि स्थानीय मदों में व्यय भी कर देते हैं। हाँ कलाकारों का मानदेय देना हमारे बस में कभी रहा ही नहीं, वह हमारी केन्द्रीय इकाई दिल्ली अपने लेवल पर अदा करती है।काश कभी हम वह भी कर सकें।

बीते दो तीन सालों में हमें लगा कि जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान और औद्योगिक घरानों की तरफ से न तो स्पिक मैके आयोजन करवाए जा रहे हैं न ही आर्थिक सहयोग की कोई संभावना बन सकी है। हमने अपने स्तर पर प्रयास भी किए ही हैं। कुल जमा यह समय हमारे लिए फिर से सोचने और विचारने का है कि क्या समाज की ज़रूरत सिर्फ मनोरंजन प्रधान आयोजन ही रह गए हैं? आश्चर्य तब होता है जब लगता है कि शिक्षा से जुड़े लोग इस तरह के सांस्कृतिक और शैक्षणिक किस्म के कार्यक्रम को समय की बर्बादी और सिर्फ नाच-गान समझते हैं। हमें उन पर दया ही आती है। स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ हमेशा की तरह कलाकारों को एक अनुमान के आधार पर आमंत्रित करता है कि यहाँ के स्कूल और कॉलेज इस तरह के आयोजन करवाएंगे ही। खैर। यह निराशाजनक दिशा और ये दयनीय संकेत पूरे समाज के लिए बड़े चिंताजनक है कि जहां न केवल स्पिक मैके बल्कि कई और स्थानीय संस्थाएं मुश्किल समय का सामना कर रही हैं जो सार्थकताभरे आयोजन करतीं रही हैं मगर आज अच्छा रेस्पोंस नहीं पा रही।

सूचना यह है कि बीते माह हुए आयोजन में आपको जानकार अचरज होगा कि हमने पांच कलाकारों के लगभग नौ कार्यक्रम में अस्सी हज़ार रुपए खर्च किए और अंतिम समय तक स्कूल आदि के राजी नहीं होने पर हमने मुफ़्त और मनुहारें करके जैसे-तैसे आयोजन करवाए। आयोजन सफल हुए और अन्तोगत्वा हमारी विद्यार्थी पीढ़ी लाभान्वित हुई इस बात का संतोष है। हम मानते हैं कि कहीं न कहीं हमारी प्लानिंग में कमी रही है। हम भी अपनी नीति और कार्यशैली पर फिर से विचार करेंगे ही। हाँ तो इस विरासत फेस्टिवल में कुल आय हुई पंद्रह हज़ार। मतलब लगभग सत्तर हज़ार मार्केट का ड्यू रहा। हमने अपने बैंक खाते के बैलेंस से लगभग तीस हज़ार रुपए खर्च करके कुछ चुकारा किया। अभी भी लगभग तीस हज़ार रुपए मार्केट में ड्यू है और हमारा बैंक बैलेंस मिनिमम बैलेंस के कगार पर दस हज़ार जा पहुँचा है। यह सब इसलिए हुआ कि आए हुए कलाकारों को हमने कभी भी बिना आयोजन जाने नहीं दिया। यथासंभव दिन में दो आयोजन किए ताकि ज्यादा साथी लाभ सकें।

आगामी जुलाई में हमें कलाकारों को बुलाने की हामी भरने में डर लग रहा है। जबकि जानते हैं कि प्रख्यात रंगकर्मी हबीब तनवीर के शिष्य और प्रख्यात अभिनेता राम सिंह अपना जगप्रसिद्ध नाटक 'चरणदास चोर' लेकर आ रहे हैं। कबीर गायन परम्परा के लोक गायक कालूराम बामनिया आ रहे हैं। शैडो पपेट के दादी पदमजी आ रहे हैं। अब गेंद आपके पाले में हैं। क्या हम आपसे 100/- रुपये से लेकर शुरुआत करते हुए आपकी इच्छानुसार आर्थिक सहायता की उम्मीद आपसे करें? ताकि पहले का चुकारा करते हुए हम एक ऐसी स्थिति में आएं कि जुलाई के बाद के आयोजन फिर से एक उत्साह के साथ आरम्भ करने की हिम्मत जुटा सकें। हम स्पिक मैके सदस्यता जैसे अभियान करके देख चुके हैं। कोइ बड़ा फायदा नहीं हुआ बल्कि और ज्यादा औपचारिकता में फँस गए। अन्तोगत्वा हमें स्पिक मैके स्पोंसर/डोनर चाहिए जो हम पर विश्वास कर सकें कि यह एक छात्र आन्दोलन है जिसमें सभी वोलंटियर हैं जिन्हें काम करने के बदले एक पैसा तक नहीं मिलता है बल्कि वे अपनी गाँठ का पेट्रोल जलाते हैं, फोन खर्च करते हैं। डोनर जो विश्वास कर सकें कि आपके दिए हुए धन का सदुपयोग ही होगा। वोलंटियर का वक़्त तो खैर लगता ही है। यह सब एक जूनून और मौसिकी का नतीजा भर है।

अपील है उन सभी से जो आयोजन में कभी आ सके नहीं भी आए,उनसे भी अपील है जो कभी स्पिक मैके कन्वेंशन में हिस्सेदारी करके आए, उनसे भी जो कभी विद्यार्थी थे अब एक सक्षम नौकरी में हैं, यह अपील उनसे भी है जो आज अपने खुद के बिजनस के साथ गतिमान है, उनसे जो खुद शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं, अपील उनसे भी है जो सौ रूपये ट्रांसफर करके भी खुद को इस मुहीम का एक साथी बनाना चाहते हैं। अपील कोर ग्रुप के साथियों से भी है। इतना लिखना काफी है एक अपील में। निचे बैंक डिटेल्स है। सिर्फ ऑनलाइन ट्रांसफर करिएगा या चेक देना चाहें तो हमें बताएं हम आपसे आकर कलेक्ट कर लेंगे। केश लेनदेन स्पिक मैके में बैन है प्लीज इसे प्रोत्साहित न करें। यदि आप किसी भी तरह के ऑनलाइन सपोर्ट के बदले डिटेल्स भेजकर रसीद चाहते हैं तो सम्पर्क करें, हमें खुशी होगी। कृपया चेक या बैंक ड्राफ्ट केवल 'स्पिक मैके' नाम से ही बनवाएं।

Bank: State Bank of India
Branch:Chittorgarh
A/c Name: SPIC MACAY
A/c N. 32808580600
IFSC CODE: SBIN0006097
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ताज़ा सूचना यह है कि अब तक सर्वश्री
1-प्रवीण कुमार जोशी:1000/-
2-अश्र्लेश दशोरा:2000/-
3-सचिन श्रीवास्तव:500/-
4-चंदा चौधरी:1000/-
5-जे.एस.कटारा:1000/-
6-अविनाश शर्मा:1000/-
7-स्वीटी पोखरना:1000/-
8-भगवती लाल सालवी:1000/-
9-विनय शर्मा:1000/-
10-रजनीश दाधीच:1000/-
11-पुष्पराज सिंह:500/-
12-कमलेश दायमा:1000/-
13-माणिक-500/-
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जैसे मित्रों ने 29-30 मई इन दो दिनों में ही लगभग इतना बड़ा सहयोग कर दिया है।यह एक शानदार और आशाजनक शुरुआत है।अब लग रहा है स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ चेप्टर जुलाई 2018 से फिर से जी उठेगा।

आदर सहित
समस्त वोलंटियर साथी(कोर ग्रुप)
स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ इकाई
(B.L. SALVI@94606 08977)
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Our Founder Dr. Kiran Seth

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