प्रेस विज्ञप्ति
डॉ.ए.एल.जैन
बच्चों ने जाना
संतूर का
इतिहास
शास्त्रीय वाध्य यन्त्र
संतूर की
अपनी दो
प्रस्तुतियों के माध्यम से देश
की जानी
मानी कलागुरु
डॉ वर्षा
अग्रवाल सोमवार
को विद्यार्थियों
से मुखातिब
हुयी। रागरागिनी
से बिलकुल
अनजान विद्यार्थियों
ने बहुत
ध्यान पूर्वक
संतूर के
इतिहास को
जानने के
साथ ही
इसे बजाने
की छोटीछोटी
बातों को
करीब से
जाना।स्पिक मैके ,बेंक
ऑफ़ बड़ोदा
और जुबिलंट
भरतीया फाउन्डेशन
द्वारा इन
दिनों चित्तौड़
जिले में
आयोजित विरासत
के तहत
गंगरार क्षेत्र
में पहला
संतूर वादन
उप्रावि
डेट में हुआ। आयोजन में
तहसील उपखंड
अधिकारी हेमेन्द्र
नागर ने
भी शिरकत
की। कार्यक्रम
संयोजक बसन्ती
लाल पंचोली
के अनुसार
विद्यालय में
डॉ. अग्रवाल
का भारी
स्वागत किया
गया।
दीप प्रज्जवलन और स्वागत प्रधानाध्यापक
दिनेश चन्द्र
चतुर्वेदी और डॉ. ज्योति सुराना
विद्यालय प्रबंधन
समिति अध्यक्ष
शंकर सिंह
चौहान ने
किया।
दुसरे आयोजन में
उप्रावि बालिका
स्कूल पुठोली
में भी
छात्राओं ने
संतूर और तबला जुगलबंदी
का आनंद
लिया लिया। वर्कशॉप
समन्वयक जे.पी.भटनागर
ने बताया
कि राग,आलाप,सरगम,ठाट आदि
के बारे
में मोटी
जानकारी हासिल
करने में
इन प्रस्तुतियों
ने बहुत
सहयोग दिया
है। प्रसिद्द
तबला वादक
पंडित किशन
महाराज के
शिष्य पंडित
ललित महंत
ने भी
बालिकाओं को
संगत के
वाध्य तबले
के बारे
में बहुत
बारीक जानकारियाँ
दी।
यहाँ कलाकारों का स्वागत प्राधानाध्यापिका
अनुराधा नराणिया
और अनिता
शर्मा ने
किया।
भटनागर के अनुसार मंगलवार को
संतूर वादन
की दो
प्रस्तुतियां होगी जिसमें सुबह नौ
बजे उप्रावी
मीरा नगर
और साढ़े
ग्यारह बजे
उप्रावी पुलिस
लाइन शामिल
हैं।
डॉ.ए.एल.जैन
अध्यक्ष
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