प्रेस विज्ञप्ति
चित्तौड़गढ़ 25 सितम्बर,2014
युवाओं में बहुत ताकत है बस दिशा देनी है-डॉ.अरुणा मोहंती
चित्तौड़गढ़ 25 सितम्बर,2014
हमारे देश की विरासत इसके सांस्कतिक और साहित्यिक वैभव में निहित है।युवाओं में बहुत ताकत है बस हमें सही वक़्त पर उसे दिशा देनी है।मैंने देखा है कि युवा भले शास्त्रीय संस्कृति से एक दूरी बनाएं रखें मगर जब भी वे मन के साथ इस तरह के आयोजन से जुड़ते हैं तो पूरी तल्लीनता से हमारी धरोहर का महत्व आँकते हैं।युवा पीढ़ी और स्कूली विद्यार्थियों में ऐसी तालीम के ज़रिये ही साहित्य और संगीत की ये विधाएं उन्हें जीवन जीने का कौशल सिखा सकती है।शैक्षणिक संस्थाओं में इन दिनों हो रहे आयोजन की प्रकृति को लेकर भी बहुत सावचेत होने की ज़रूरत है।यथार्थपरक मुद्दों पर अपनी समझ बनाते हुए हमें अपनी जड़ों की तरफ ले जाने वाला विवेक आज बहुत आवश्यक हो गया है।वर्तमान का बहुत बड़ा हिस्सा एक दौड़ की तरह हो गया है जहां हम अपनी नृत्य परम्पराओं और ऐतिहासिक शहरों की की प्राचीन तस्वीर को भूलते जा रहे हैं।संकटों के बीच हमें रास्ता चुनना है।
यह विचार देश की नामचीन ओडिसी नृत्यांगना डॉ अरुणा मोहंती ने विजन स्कूल ऑफ़ मेनेजेमेंट चित्तौड़गढ़ में व्यक्त किए।यह वह अवसर था जब स्पिक मैके आन्दोलन की विरासत श्रृंखला की एक प्रस्तुति में कॉलेज के दो सौ विद्यार्थी ओडिशा की नृत्य संस्कृति से वाकिफ हुए।इस बीच उन्होंने ओडिसी नृत्य के इतिहास से परिचय कराते हुए इसके मंदिरों से देवदासी और फिर मंदिरों और मंचों तक आने की कहानी बयान की।शुरुआत में दीप प्रज्ज्वलन और कलाकारों का अभिनन्दन विजन कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव राजेन्द्र पारीक, निदेशक डॉ. साधना मंडलोई, स्कंध अध्यक्ष डॉ. खुशवंत सिंह कंग, कॉलेज व्याख्याता रीना ननवानी, मुकेश कुमावत ने किया।प्रस्तुति के आरम्भ में डॉ अरुणा ने अपने प्रदेश की संस्कृति से जुड़े बहुत सारे पहलुओं पर बच्चों से प्रश्नोत्तरी की।नवरात्रा के मौके पर मंगलाचरण में माँ दुर्गा केन्द्रित श्लोकाचारण पर अभिनय ने प्रभावित किया।सीधे जीवन चर्या से ली गयी मुद्राओं और उन पर विस्तार से हुए संवाद से प्रस्तुति में दर्शक बांध गए।बाद में केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्राप्त डॉ. मोहंती ने भगवान् जगन्नाथ से जुडी एक कथा, पल्लवी की। सभा में एक छात्रा से सुनी लघु कथा पर उसी वक़्त तैयार और प्रस्तुत अभिनय देख सभी चकित रह गए।श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से शुरू करके किशोर उम्र तक की क्रियाओं को जिस तरीके से ओडिसी नृत्यांगना अरुणा मोहंती ने मंच पर प्रदर्शित किया सभी रोमांचित हो उठे।माखनचोरी से लेकर कृष्ण राधिका के प्रेमभरे संवाद भी इस प्रस्तुति का हिसा रहे।आखिर में वे भक्त शिरोमणी मीरा के लिखे भजन मेरे तो गिरधर गोपाल पर अभिनय करने से खुद को रोक नहीं पायी।
एक बेहतर व्याख्यान-प्रदर्शन के रूप में हुए एस आयोजन में संगतकार के रूप में मृदंगम वादक विजय कुमार ,गायिका हरिप्रिया स्वेन, वायलिन वादक अग्निमित्र ने शिरकत की।ऐसा पहली बार हुआ कि कार्यक्रम के बाद किसी कलाकार ने उपस्थित विद्यार्थियों से आधे घंटे तक अनौपचारिक बातचीत की और उनसे संवाद किया,इसे सभी ने सबसे प्रभावी कदम बताया।सभा का संचालन कर रही छात्रा आकांक्षा नागर ने आन्दोलन और कलाकारों के बारे में विचार व्यक्त किए।बैठक समंवयक दीपा स्वामी के अनुसार कई साथियों ने स्पिक मैके की सदस्यता भी ली। आयोजन के सूत्रधार सचिव संयम पुरी, सहसचिव आशा सोनी, प्रचार-प्रसार समन्वयक मनीष भगत थे।इस मौके पर शहर के कई संस्कृतिप्रेमी मौजूद थे जिनमें डॉ.कनक जैन,प्रवीण कुमार जोशी, मुन्ना लाल डाकोत, उपाध्यक्ष नटवर त्रिपाठी,डॉ आर.के.दशोरा, प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश महासचिव ओमेन्द्र मीणा,कोषाध्यक्ष भगवती लाल सालवी,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे.पी.भटनागर,संजय कोड्ली,कोमल जोशी शामिल हैं।सचिव संयम पूरी के अनुसार आन्दोलन की पहली मासिक बैठक चार अक्टूबर शाम पाँच बजे सेंथी स्थित सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकंडरी स्कूल में होगी।
माणिक
राष्ट्रीय सलाहकार
स्पिक मैके
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