प्रेस विज्ञप्ति
रोनू मजुमदार का बांसुरी वादन 17 को
चित्तौड़गढ़ 16 अप्रैल 2015स्पिक मैके के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.ए.एल.जैन के अनुसार पंडित रोनू मजुमदार ऐसे कलागुरुओं में से हैं जिनके परिवार में संगीत का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी उनहोने अपने ही बूते इस कला के ज़रिये विश्वभर में हिन्दुस्तान का नाम रोशन किया है। रणेंद्रनाथ मजुमदार अब अपने प्रशसकों में रोनू दा के नाम से लोकप्रिय हैं। उन्होंने संगीत की शिक्षा अपने पिता डॉ. भानु मजुमदार, पंडित लक्ष्मण प्रसाद जयपुरवाले और पंडित विजय राघव राव सहित भारत रत्न पंडित रविशंकर जी से ली हैं। आपका ताल्लुक संगीत के मैहर घराने से है जिसमें उस्ताद अली अकबर खान साहेब जैसे फनकार हुए हैं। रोनू मजुमदार कभी ग्रेमी अवार्ड के लिए नामित भी हुए हैं। आपने देश के कई नामी कलाविदों सहित विदेशी संगीतकारों के साथ संगत में कई प्रस्तुतियां दी है। इस संगीत यात्रा में रोनू मजुमदार को राष्ट्रीय कुमार गन्धर्व अवार्ड आदित्य विक्रम बिरला अवार्ड सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
संगतकार के रूप में बनारस और फर्रुखाबाद घराने से जुड़े तबला वादक अजीत पाठक और युवा बांसुरी वादक कल्पेश साचला शिरकत कर रहे हैं। अजीत पाठक ने तबला वादन की शिक्षा अपने पिता से ली और बाद में प्रसिद्द तबला वादक पंडित किशन महाराज के शिष्य हैं।
सांवर जाट,सचिव,स्पिक मैके चित्तौड़गढ़
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