प्रेस विज्ञप्ति
हमारी लोक संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी है
चित्तौड़गढ़ 27 अगस्त,2013
उड़ीसा के रघुराजपुर गाँव से आये कोणार्क नृत्य मंडप आश्रम के सात बच्चों ने स्पिक मैके चित्तौड़ की विरासत प्रस्तुतियों में बड़ा कमाल कर दिया।आश्चर्यजनक ढ़ंग से एक्रोबिक फिगर्स बनाए और आंगिक अभिनय के साथ उनका पद संचालन तो देखने काबिल रहा।गुरु जयकृष्ण नायक के निर्देशन में ये बालकलाकार पूरे आयोजन तक अपने पहनावे से लेकर मेकअप, गहने और उड़िया गीतों से बहुत ही मनमोहक लगते रहे। बिना विराम के लगातार एक घंटे तक की रोमांचकारी प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया। दर्शकों की नज़र उनके घूँघरू, कण्ठहार, करधनी, झुमकें के इर्दगिर्द ही घुमती रही।
हमारी समग्र संस्कृति के इस लोकनृत्य पक्ष से जुड़े दो आयोजन चित्तौड़ में हुए। मंगलवार शाम पांच बजे सैनिक स्कूल के शंकर मेनन सभागार में संपन्न प्रस्तुति में प्राचार्य ग्रुप कप्तान डी सी सिकरोरिया, हेडमास्टर लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश राघव, रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल अजय ढील, स्पिक मैके अध्यक्ष डॉ ए एल जैन ने दीप प्रज्ज्वलन और अतिथितियों का स्वागत किया। हाल ही में दिवंगत हुए ओड़िसा के गायक पंडित रघुनाथ पाणीगृही को समर्पित इस कार्यक्रम का संचालन माणिक ने किया। लगभग चार सौ विद्यार्थियों सहित नगर के कई प्रबुद्ध भी आए जिनमें कल्याणी दीक्षित, डॉ राजेश चौधरी, महेश तिवारी, डॉ के एस कंग, मुन्ना लाल डाकोत, महेंद्र खेरारू, वी बी व्यास, सुमित्रा चौधरी, डालर सोनी, मुकेश शर्मा, भावना शर्मा शामिल हैं।
दूसरे कार्यक्रम में बुधवार दिन में एक बजे जिंक नगर स्थित इम्पीरियल क्लब हॉल में हिन्द जिंक स्कूल के विद्यार्थियों ने भी इस लोक नृत्य का उत्फ उठाया।यहाँ विशिष्ट अतिथि के तौर पर चंदेरिया लेड जिंक समेल्टर युनियन के वरिष्ठ सचिव घनश्याम सिंह राणावत, अनिता शर्मा और संगीता शर्मा थे। कलाकारों का अभिनन्दन क्लब सचिव जी एन एस चौहान, स्कूल प्राचार्य एम् आर एन झा, संगीत शिक्षिका भानु माथुर, विजय राव, विवेका शेखावत, क्लब कोषाध्यक्ष के योगेश शर्मा, सुमा जेम्स, सांस्कृतिक सचिव देवेन्द्र शर्मा, पी सी बाफना, विनय कंठालिया ने किया।स्पिक मैके की तरफ से संयोजक जे पी भटनागर, अध्यक्ष डॉ ए एल जैन, वरिष्ठ विचारक भंवर लाल सिसोदिया भी मौजूद थे.
चित्तौड़गढ़।
चित्तौड़गढ़।
आदित्यपुरम स्थित दी आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल में कोणार्क नृत्य मंडप के कलाकारों ने उड़िसा के लोक नृत्य शैली गोटीपुआ से सभी को भाव-विभोर कर दिया। स्पिक मैके के तत्वाधान में इस कार्यक्रम का आयोजन आदित्य सीमेंट के उत्सव स्टाफ रिक्रिएशन सेंटर में किया गया। बाल लोक कलाकारों, वाद्य-यंत्रों पर संगत कर रहे कलाकारों व गुरुजी जयकृष्ण नायक का स्वागत पुष्पाहार से हुआ।
इसके पश्चात् श्रीमती सुचेता जोशी, श्रीमती दीपिका पाढी, प्राचार्य आर. के. नायक, प्रधानाध्यापिका श्रीमती शर्ली वाज ने दीप प्रज्वलन किया। कार्यक्रम में कृष्णा पाढ़ी उपाध्यक्ष (मानव संसाधन) आदित्यपुरम तथा स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ स्कंध के संयोजक जे पी भटनागर भी उपस्थित थे।उड़िसा की लोक नृत्य शैली से परिचित कराते हुए बाल कलाकारों ने अपने नृत्य का आरंभ व अंत मंच को, भूमि को व सभी को प्रणाम करते हुए अत्यंत विनम्रता से किया। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण व जगन्नाथ की आराधना के रूप में प्रस्तुत नृत्य में गरुड, दुर्गा, नाव, विभिन्न प्रकार की मूर्तियों तथा रथ की मुद्राओं से सभी का मन मोह लिया। अपने ओडिसी नृत्य के माध्यम से राधा की अनेक भाव-भंगिमाएँ प्रस्तुत की। छह से ग्यारह वर्ष के सात लड़कों युधिष्ठिर, टुबुला, जगन, बीनू, दीपक, सूर्यकांत व शुभांशु ने लड़कियों की वेशभूषा में परस्पर सामंजस्य का परिचय देते हुए अविश्वसनीय प्रस्तुति दी। अपने शरीर को विभिन्न कोणों में मोड़ते हुए दोनों हथेलियों के आधार पर शरीर को धरा के समानांतर करना, शरीर को गोलाकार करके गोले की तरह लुढ़कना, चलते हुए रथ का सजीव चित्रण, दोनों हाथों के बल पर मयूर के समान चलना, मंद व तीव्र गति के नृत्य का कुशल मिश्रण देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए।
बाल कलाकारों की इस अनुपम व असंभव सी प्रतीत होने वाली प्रस्तुति में गुरुजी जयकृष्ण नायक व तापस कुमार नायक के स्वर का तथा मरदल पर आलोक रंजन दास का सहयोग रहा।विद्यालय प्रबंधन की ओर से सभी कलाकारों को स्मृति-चिह्न व बाल कलाकारों को स्मृति चिह्न के रूप में उपहार भेंट किए गए।स्पिक मैके की ओर से जे पी भटनागर ने सभी का आभार प्रकट किया। विद्यालय के प्राचार्य आर. के. नायक ने कलाकारों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया और कहा कि इन कलाकारों से प्रेरणा लेनी चाहिए कि निरंतर अभ्यास, निष्ठा व लगन से कोई भी कार्य असंभव नहीं है।कार्यक्रम का संचालन शैल कुमार राय व श्रीमती सुमन कँवर के निर्देशन में सयोनी शर्मा व सृजन सूद ने व संयोजन सुश्री आइलीन प्रिया, प्रकाश बिदावत व श्रीमती संतोष कँवर ने किया।
अध्यक्ष डॉ ए एल जैन