प्रेस रिपोर्ट:
चित्तौड़गढ़।
आदित्यपुरम स्थित दी आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल में कोणार्क नृत्य मंडप के कलाकारों ने उड़िसा के लोक नृत्य शैली गोटीपुआ से सभी को भाव-विभोर कर दिया। स्पिक मैके के तत्वाधान में इस कार्यक्रम का आयोजन आदित्य सीमेंट के उत्सव स्टाफ रिक्रिएशन सेंटर में किया गया। बाल लोक कलाकारों, वाद्य-यंत्रों पर संगत कर रहे कलाकारों व गुरुजी जयकृष्ण नायक का स्वागत पुष्पाहार से हुआ।
इसके पश्चात् श्रीमती सुचेता जोशी, श्रीमती दीपिका पाढी, प्राचार्य आर. के. नायक, प्रधानाध्यापिका श्रीमती शर्ली वाज ने दीप प्रज्वलन किया। कार्यक्रम में कृष्णा पाढ़ी उपाध्यक्ष (मानव संसाधन) आदित्यपुरम तथा स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ स्कंध के संयोजक जे पी भटनागर भी उपस्थित थे।उड़िसा की लोक नृत्य शैली से परिचित कराते हुए बाल कलाकारों ने अपने नृत्य का आरंभ व अंत मंच को, भूमि को व सभी को प्रणाम करते हुए अत्यंत विनम्रता से किया। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण व जगन्नाथ की आराधना के रूप में प्रस्तुत नृत्य में गरुड, दुर्गा, नाव, विभिन्न प्रकार की मूर्तियों तथा रथ की मुद्राओं से सभी का मन मोह लिया। अपने ओडिसी नृत्य के माध्यम से राधा की अनेक भाव-भंगिमाएँ प्रस्तुत की। छह से ग्यारह वर्ष के सात लड़कों युधिष्ठिर, टुबुला, जगन, बीनू, दीपक, सूर्यकांत व शुभांशु ने लड़कियों की वेशभूषा में परस्पर सामंजस्य का परिचय देते हुए अविश्वसनीय प्रस्तुति दी। अपने शरीर को विभिन्न कोणों में मोड़ते हुए दोनों हथेलियों के आधार पर शरीर को धरा के समानांतर करना, शरीर को गोलाकार करके गोले की तरह लुढ़कना, चलते हुए रथ का सजीव चित्रण, दोनों हाथों के बल पर मयूर के समान चलना, मंद व तीव्र गति के नृत्य का कुशल मिश्रण देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए।
बाल कलाकारों की इस अनुपम व असंभव सी प्रतीत होने वाली प्रस्तुति में गुरुजी जयकृष्ण नायक व तापस कुमार नायक के स्वर का तथा मरदल पर आलोक रंजन दास का सहयोग रहा।विद्यालय प्रबंधन की ओर से सभी कलाकारों को स्मृति-चिह्न व बाल कलाकारों को स्मृति चिह्न के रूप में उपहार भेंट किए गए।स्पिक मैके की ओर से जे पी भटनागर ने सभी का आभार प्रकट किया। विद्यालय के प्राचार्य आर. के. नायक ने कलाकारों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया और कहा कि इन कलाकारों से प्रेरणा लेनी चाहिए कि निरंतर अभ्यास, निष्ठा व लगन से कोई भी कार्य असंभव नहीं है।कार्यक्रम का संचालन शैल कुमार राय व श्रीमती सुमन कँवर के निर्देशन में सयोनी शर्मा व सृजन सूद ने व संयोजन सुश्री आइलीन प्रिया, प्रकाश बिदावत व श्रीमती संतोष कँवर ने किया।