प्रेस विज्ञप्ति
कबीरपंथी भजन से होगा विरासत का आगाज़
मालवी लोक गायक कालूराम बामणिया चित्तौड़गढ़ में
चित्तौड़गढ़। 24 जुलाई, 2018
स्पिक मैके सचिव गौरव कुमावत के अनुसार सैनिक स्कूल के विद्यार्थी और शहर के रसीकजन इस आयोजन से छह सौ बरस पहले हुए समाज सुधारक और प्रगतिशील कवि कबीर की परम्परा को अनुभव कर सकेंगे। मूल रूप से देवास मध्य प्रदेश के वासी बामणिया की गायकी में मालवा की खुशबू महसूसी जा सकती है। कालूराम बामणिया कबीर के साथ ही भक्त-कवयित्री मीरा और गोरखनाथ की लिखी रचनाएं भी गाने में माहिर हैं। बामणिया ने देशभर के साथ ही कई पड़ौसी देशों में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन से जुड़े रहने के साथ ही आपने कई डोक्युमेंट्री में भी कार्य किया है। प्रसिद्द फिल्मकार शबनम विरमानी के कबीर प्रोजेक्ट में भी बामनिया का बड़ा काम रहा है।
कलाकार समन्वयक डॉ. मंगेश जोशी के अनुसार पांच कलाकारों की यह मंडली तम्बूरे पर निर्गुणी भजन की रसधारा बहाएंगी। संगतकारों में हारमोनियम वादक राम प्रसाद परमार, ढोलक वादक देवी दास बैरागी, नग और नगाड़ी वादक सज्जन सिहं परमार, मंझिरा वादक उत्तम सिहं बामणिया शिरकत करेंगे। अध्यक्ष अश्लेश दशोरा ने बताया कि इससे पहले भी चित्तौड़गढ़ में कबीरपंथी गायन के कई आयोजन हुए हैं जिनमें स्वामी जीसीडी भारती और प्रहलाद सिंह तिपानिया आ चुके हैं। इस घोर भौतिकतावादी समय में कबीर वैसे भी बहुत सार्थक और ज़रूरी आवाज़ है। स्पिक मैके आयोजन में प्रवेश सभी संगीत रसिकों के लिए खुला है। सैनिक स्कूल प्राचार्य कर्नल राजेश राघव और स्पिक मैके यूनिट समन्वयक ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार समस्त तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
अश्रलेश दशोरा
अध्यक्ष,स्पिक मैके,चित्तौड़गढ़
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें