प्रकाशनार्थ विज्ञप्ति
स्पिक मैके का पांचवां इंटरनेशनल कन्वेंशन आईआईटी दिल्ली में
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देंगे उदघाटन उद्बोधन
स्पिक मैके के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक जैन ने बताया कि भारत के सांस्कृतिक जगत के लिए बहुत खुशी की खबर है कि स्पिक मैके नामक छात्र सहभागी आन्दोलन अपना पाचवां अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन आईआईटी दिल्ली में आयोजित करने जा रहा है । 5 से 11 जून 2017 तक होने वाला यह कन्वेंशन स्पिक मैके की स्थापना के चालीसवें साल में प्रवेश का भी उत्सव होगा। इस कलाकुम्भ में देश-विदेश से डेढ़ हज़ार प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। महोत्सव का उदघाटन पांच जून शाम पांच बजे होगा जिसमें हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपना उद्बोधन देंगे। उदघाटन सत्र में कुछ राज्यों के राज्यपाल और केंद्र सरकार के कई मंत्री शिरकत कर रहे हैं। स्टेट कोर कमिटी सदस्य जेपी भटनागर के अनुसार सात दिवसीय इस महोत्सव में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की समस्त विधाओं सहित क्लासिक सिनेमा, रंगमंच, साहित्य, हस्तकला और चित्रकारी से जुडी कलाओं के प्रदर्शन और कार्यशालाएं होंगी। ख्यातनाम कलाविद अपनी मंचीय प्रस्तुतियों के साथ प्रतिभागियों से संवाद करेंगे। कार्यशालाओं के माध्यम से प्रतिभागी हमारी धरोहर के विभिन्न पक्षों से रूबरू होंगे। इस मौके पर एक कला गाँव और विशाल योग शिविर के भी आयोजन होंगे। समारोह का एक आकर्षण इसकी रातभर चलने वाली ओवर नाईट संगीतमयी प्रस्तुति होगी जिसमें नामी छह कलाकार दस जून की रात अपना कौशल दिखाएंगे। आयोजन की समस्त तैयारियां हो चुकी है।
ख्यातनाम कलाकारों का संगम
राज्य समन्वयक माणिक के अनुसार स्पिक मैके के इस वैश्विक कला महोत्सव में कई नामचीन हस्तियाँ हिस्सा लेंगे जैसे गायिका विदुषी गिरिजा देवी, पंडित टीएन कृष्णन, फोटोग्राफर रघु रॉय, संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा, फिल्म निर्देशक अडडूर गोपालकृष्णन, मोहन वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट, गायिका बेगम परवीन सुल्ताना, पंडवानी गायिका विदुषी तीजन बाई, विदुषी सुधा रधुरामन,भरतनाट्यम गुरु विदुषी मालविका सरुक्काई, सितार वादक उस्ताद शाहीद परवेज़, गायक पंडित उल्हास कशालकर, गायक पंडित वेंकटेश कुमार, सत्रीय नर्तक गुरु घनाकांत बोरा, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ. वासिफुद्दीन डागर, चित्रकार एंजोली ईला मेनन, कठपुतली गुरु दादी पदमजी, मैग्सैसे विजेता गायक प्रो. टी.एम. कृष्णा, कुडीयट्टम नृत्यांगना कपिला वेणु, संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी, गायक पंडित वेंकटेश कुमार, क़व्वाली गायक वारसी ब्रदर्स जैसी कई कलाविद इस महोत्सव का आकर्षण होंगे।
दक्षिणी राजस्थान से 70 साथी हिस्सा लेंगे
कन्वेंशन की दिनचर्या
सम्मेलन में रोज़ाना शुरुआत प्रातः ब्रह्म मुहूर्त साढ़े तीन बजे उठने से होती है जिसके बाद 3 घंटे तक योग साधना की जाती है। प्रतिभागी नाद योग, हठ योग , ध्रुपद तथा कुटीअट्अम में से सुविधानुसार योग विधा का चुनाव कर सकते हैं। इसके तुरंत बाद कुछ देर श्रमदान करवाया जाता है जिसमें स्वच्छता तथा वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए मेजबान और प्रतिभागी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं। श्रमदान का उद्धेश्य केवल आसपास के वातावरण को उसी रूप में संजोए रखना होता है जिस रूप में मेहमानों को प्रदान किया गया था। सवेरे नौ बजे से बारह बजे तक प्रतिभागी विभिन्न कला, नृत्य और साहित्य की कक्षाओं में जाते हैं जिनका संचालन योग्य गुरुओं द्वारा किया जाता है। दोपहर के समय में चलचित्र या टॉक शो का आयोजन होता है। महोत्सव में शामें बहुत प्रभावशाली गुरुओं की प्रस्तुतियों से भरी होती है। आख़िरी दिन सभी प्रतिभागी अपनी कार्यशाला में सीखे हुए का सामूहिक रूप से प्रदर्शन करते हैं। यह सबकुछ नि:शुल्क होता है। समस्य खर्च स्पिक मैके वहन करता है।
सादर
माणिक
समन्वयक,स्पिक मैके दक्षिणी राजस्थान
माणिक
समन्वयक,स्पिक मैके दक्षिणी राजस्थान
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