सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
‘मेडिटेशन विद संतुर’ की दिव्य अनुभूति के साथ उत्सव 2017 का समापन
चित्तौड़गढ़। 3 मई
स्पिक मैके द्वारा 11 मई से आयोजित की जा रही उत्सव श्रृंखला का मंगलवार को समापन हो गया जिसमें डॉ. धनजंय देथांकर की संतुर वादन प्रस्तुतियां हुई।उन्होंने कहा कि इस दौर में मानसिक शान्ति की सबसे ज्यादा ज़रूरत है।संगीत आज कई बीमारियों का ईलाज है या फिर ईलाज में सहायक है। मेडिटेशन को लेकर हमारा समाज अब बहुत जागरूक होता जा रहा है यह बहुत अच्छा संकेत है।युवा पीढ़ी के जीवन में तनाव बहुत ज्यादा है और उनकी जीवन शैली में समय रहते बदलाव नहीं किए गए तो आने वाला समय मानसिक शांति के लिहाज से बहुत खतरनाक साबित होगा।चित्तौड़गढ़ की धरती और यहाँ के दुर्ग में एक अजीब सा आकर्षण है।यह मैंने अपनी दुर्ग चित्तौड़ की यात्रा के दौरान भी अनुभव किया था।
पहला आयोजन विशाल एकेडमी स्कूल गांधी नगर चित्तौड़गढ़ में प्रातः 8.30 बजे हुआ। स्पिक मैके वोलंटियर जुनेद शेख और रोहित व्यास के समन्वयन में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ संतुर वादक डॉ. धनजंय देथांकर, संगतकार तबला वादक समीर श्रीसंत पुंताम्बेकर व स्कूल डॉयरेक्टर बी.डी.कुमावत ने दीपप्रज्जलन कर किया। अतिथियों के स्वागत की परम्परा का निर्वहन माल्यार्पण द्वारा शिक्षक प्रमोद शर्मा ने किया। अतिथियों का जीवन परिचय छात्रा अक्षित कुमावत ने दिया। डॉ. धनजंय देथांकर ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान करते हुए उन्हें सबसे पहले संतुर वाद्य यंत्र के बारे में विस्तार से बताया एवं उन्हें गुरू पं. शिवकुमार शर्मा द्वारा इस वाद्य यंत्र में किये परिवर्तनों से परिचय कराते हुए संतुर वादन प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के दौरान विद्यार्थीगण डॉ. देथांकर की अंगुलियों की थिरकन और संगतकार के तबले पर थिरकती अंगुलियों से पूर्णतः अभिभूत दिखे। अंत में आभार छात्रा सदा ने व्यक्त किया।
दूसरा आयोजन शाम 6.30 सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल चित्तौड़गढ़ में रखा गया। सुरमई सांझ की इस बेला में कार्यक्रम का प्रारंभ स्पिक मैके अध्यक्ष एवं संस्था प्रधान अश्लेष दशोरा, पारिवारिक न्यायालय चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश हुकुमसिंह राजपुरोहित, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-3, चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश अनूप कुमार पाठक ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। कलाकारो का अभिनन्दन स्पिक मैके सचिव महेन्द्र नंदकिशोर व इम्पीरियल क्लब सचिव जी.एन.एस. चौहान द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. धनंजय द्वारा वाद्य यंत्र संतुर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘मेडिटेशन विथ संतुर’ था। डॉ. धनंजय द्वारा संतुर वादन के दौरान उपस्थित श्रोताओं से आँख बंद कर इस वादन को सुनने का आग्रह किया गया जिससे उपस्थित श्रोताओं ने सहजता एवं उत्सुकता से स्वीकार करते हुए करीब आधे घंटे तक इसी तरह वादन का आनंद लिया और मेडिटेशन की समाप्ति पर हर श्रोता स्वयं में महसूस किये जा रहे सुकून की अनुभूति से हृदय से अभिभूत दिखा। इस दौरान डॉ. धनंजय ने राग कलावती दो बंदिशे, मध्यलय, त्रिताल की प्रस्तुति दी। बाद की प्रस्तुति में तबला संतुर की जुगलबंदी ने श्रोताओं को आत्मिक आनंद की अनुभूति ने सरोबार कर दिया। दो घंटे की प्रस्तुति के दौरान हर श्रोता अपनी कल्पना की दुनिया में संतुरवादन के समधुर स्वर के संग विचरण करता प्रतीत हुआ। कार्यक्रम का संचालन स्पिक मैके कोषाध्यक्ष भगवतीलाल सालवी व प्रेस सचिव कृष्णा सिन्हा ने किया। आभार स्पिक मैके सचिव विनय द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्पिक मैके राष्ट्रीय सलाहकार माणिक द्वारा स्पिके मैके के बारे में जानकारी के साथ ही सांस्कृतिक उत्थान के इस आंदोलन से सभी को जुड़ने का आव्हान किया। फेस्ट-2017 की स्मृति को यादगार बनाते हुए सभी स्पिक मैके वोलंटियर को मंच से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान नन्दकिशोर निर्झर, डॉ.के.एस. कंग,कवि अब्दुल जब्बार, डॉ. मंगेश कुमार,अध्यापक मुबारक खान, बलजीत कौर, सांवर मल, हेमांग सोलंकी, परेश नागर, सीमा माहेश्वरी सहित कई रसिकजन उपस्थित थे।समन्वयक शाहबाज पठान के अनुसार स्पिक मैके का सदस्यता अभियान शुरू हो गया है जो एक जुलाई तक चलेगा और कन्वेंशन आजने वाले प्रतिभागियों की आवश्यक बैठक आगामी चौदह मई को रखी गयी है।
कृष्णा सिन्हा
प्रेस सचिव
स्पिक मैके चित्तौड़गढ़
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